Friday 13 January 2012

आई न वो आज क्लास मेँ,



आई वो आज क्लास मेँ,

आई वो आज क्लास मेँ,
गए थे जिसकी आस मेँ!
दुखी कर दिया दूरी के एहसास ने,
बैठा रह गया हसीन पलोँ की प्यास मेँ!!

यारोँ! भी जाती वो अगर,
हो पाती उससे बात|
हो ही पाती हमारी मुलाकात,
इतने बुरे हैँ मेरे हालात!

यारोँ! अभी तक उसका नाम भी पूछ पाया,
क्या करूँ ईश्वर ने मुझे इतना शर्मीला जो बनाया!
पता नहीँ क्योँ शर्माता हूँ इतना ज्यादा,
जिससे करना है प्यार का वादा!


मुझे अपने आप को समझाना है,
वो लङकी कोई डाकू थोङी है!
जिससे बोलने से इतना डर रहा हूँ,
जिसके बिना पल-पल मर रहा हूँ!

आज तो उससे बोल के रहुँगा,
उसके सामने दिल का हाल खोल के रहूँगा|
सुना डालुँगा उसके लिए लिखे गाने,
फिर उसकी मर्जी, वो माने माने!

मेरे यार कहते हैँ - कर तू फिक्र,
नहीँ होती तेरी वो अगर|
तेरे लिए पूरी दुनिया छान मारेँगे
उससे बहुत अच्छी से मुलाकात करा देँगे!

पर उनके लिए कहना आसान है,
वो लङकी नहीँ, वो अब मेरी जान है!
उसके जैसी दुनिया मेँ कोई,
मुझे तो स्वीकार है केवल वही!


Amul Garg